प्रखर राष्ट्रवाद न्यूज़। कोरबा जिला में एसईसीएल दीपका के अंतर्गत आने वाली ग्राम मलगांव, जिसे एसईसीएल दीपका ने अधिग्रहित तो किया है। परंतु मलगांव वासियों के साथ विश्वासघात के नए नए हथकंडे अपना रही है। दरअसल बात यह हुई कि मलगांव जिसे एसईसीएल दीपका ने अधिग्रहित तो किया लेकिन कुछ भ्रष्टाचारियों के चलते पूर्ण रूप से विवादित हो चला है।
पुलिस और तहसीलदार की रंगदारी। इस वीडियो में आप देख सकते हैं किस तरह एक पुलिसवाला शांति का दूत ना बनकर गांव को धमकी चमकी कर रहा है। जो कि यह विवाद केवल गांववासियों और एसईसीएल के बीच की है। इस प्रकार से गांव के वरिष्ठ और मुखिया से थाना प्रभारी अश्वनी राठौर का दबंगई से बात करना, एक जिम्मेदार, सुझबुझ पुलिसवाला और एक सिपाही की पहचान को दर्शाता है। और गांव का शमशानघाट को शासकीय जमीन बताकर जबरदस्ती खाली करवाने के लिए गांव में दबंगई दिखाते हुए।


मनोज गोभिल और हीरामणी जायसवाल (रामु), श्यामू जायसवाल का बड़ा भाई के साथ और श्यामू जायसवाल के साथ राजनीति सांठ गांठ, कुछ ही दिनों पूर्व कटघोरा एसडीएम रिचा सिंह और मनोज गोभिल रीडर पर कांग्रेस पार्टी पुरुषोत्तम कंवर मौजूदा विधायक का विशेष समर्थन होने के लिए निर्वाचन आयोग और वर्तमान जिला कलेक्टर को इसकी शिकायत मलगांववासियों के ने की थी। मगर जिला कलेक्टर सौरभ कुमार ने शिकायत के ठीक लगभग तीन दिन के बाद शिकायत को निराधार बताते हुए शिकायतकर्ताओं के ऊपर चुनाव के पश्चात एफ.आई.आर. होने की बात कही। जबकि 28/10/2023 को दिन शनिवार शाम, श्यामू का बड़ा भाई हीरामणी जायसवाल उर्फ रामु तथा श्यामू जायसवाल से कटघोरा एसडीएम कार्यालय के बाबू मनोज गोभिल का हरदी बाज़ार कॉलेज चौक में खुलेआम मिलना और (कांग्रेस विधायक पुरुषोत्तम कंवर) कांग्रेस पार्टी को समर्थन का इस बात को तय करता है कि आखिर इतनी शिकायत के बावजूद भी मनोज गोभिल का बाल भी बांका नहीं होना। और गंभीर बात तो यह है कि कांग्रेस पार्टी का समर्थन नहीं होना बताता है मनोज गोभिल तो फिर रात रात भर हरदी बाज़ार में श्यामु जायसवाल के बड़े भाई रामु के साथ क्या क्या बातें होती हैं।
निर्वाचन आयोग रायपुर व दिल्ली तथा जिला कलेक्टर सौरभ कुमार ने की समस्त शिकायत खारिज कोरबा कलेक्टर सौरभ कुमार के कार्यों पर ग्राम मलगांव के लोगों को अब शंका होने लगी है। उनका कहना है कि जिला कलेक्टर ने बिना जांच के कैसे शिकायत को खारिज कर दिया। जबकि ग्राम मलगांव में पूछताछ के लिए कोई भी नहीं आया। वहां के परेशान लोगों का कहना है कि जिसका दर था वही हो गया और कलेक्टर भी जा मिला भ्रष्टाचारियों से तभी तो बिना जांच किए शिकायत को फर्जी करार दे दिया।

ग्राम मलगांव जो विवादों की सुर्खियों में इस कदर छाया हुआ है कि इसकी महंगाई को देखते हुए राजनीति पार्टी तो क्या प्रशासन भी मौन साधे बैठे हुए हैं। ग्राम मालगांव वालों का कहना भी जायज है गर जिलाधीश ही बिना न्याय करे हमें ही फर्जी घोषित कर देते हैं तो फिर हम कहां जायेंगे।
जिला कोरबा के रामपुर विधान सभा क्षेत्र के मौजूदा विधायक ननकी राम कंवर ने भी इस मामले में जांच और न्याय के लिए ग्राम मलगांव के 50/60 महिलाओं को लेकर जिला कलेक्टर सौरभ कुमार के पास गए थे किंतु उनके शिकायत को भी फर्जी घोषित करने में जरा भी नहीं हिचके और शिकायत को फर्जी घोषित कर दिया जबकि किसी भी प्रकार की कोई जांच हेतु ग्राम मलगांव में कोई नहीं गया। और खदान लगभग 300 मीटर के नज़दीक आ गई है। जबकि कम से कम गांव से खदान की दूरी 500 मीटर की दूरी होनी चाहिए मगर एसईसीएल जान बूझकर अनजान बनी बैठी है।

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