

प्रखर राष्ट्रवाद न्यूज़। कुछ महीने पूर्व कलिंगा कंपनी मानिकपुर ने भी अपनी छवि का प्रदर्शन किया है। मानिकपुर कोरबा के भू विस्थापितों में से एक रूमेल सिंह जो कि अपने रोजगार के लिए कलिंगा कंपनी के चक्कर काट काट कर थक गया। जिसके फलस्वरूप घर में आर्थिक स्थिति पूर्ण रूप से चरमरा गई। रुमेल सिंह की पत्नी ने कलिंगा के वादा खिलापी कार्यों से कलिंगा कंपनी के अंदर ही अपनी ईहलीला समाप्त कर ली। ताकि उसके पति को रोजगार मिल सके। और इस घटना से कलिंगा को किसी भी प्रकार का कोई असर नहीं हुआ। दूसरा कल की जो घटना जिसमे स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि जयपाल सिंह हाइवा के चपेट में आने से मौके पर ही उसकी मौत हो गई। जो वीडियो में स्पष्ट भी दिखाई दे रही है। आखिर जिसने एसईसीएल को रात दिन काम करके आगे बढ़ाते हैं उसकी मौत का कोई बहाना बनाए ये बात जरा हज़म नहीं होती। दरअसल एसईसीएल को अपने काम से मतलब है न कि किसी के मौत से।

आखिर व्यक्ति का सिर बचा ही न हो उसे प्रबंधन कैसे इलाज कर सकती है। इससे साफ जाहिर होता है कि अपने कार्मिकों के प्रति एसईसीएल कितनी लापरवाह और मतलबी है।

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